5 SIMPLE STATEMENTS ABOUT HINDI KAHANI EXPLAINED

5 Simple Statements About hindi kahani Explained

5 Simple Statements About hindi kahani Explained

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अपने बच्चे को देखकर बकरी ने सलीम पर जोरदार प्रहार किया। काफी समय सलीम को मशक्कत करते हो गई , किंतु बकरी के प्रहार को रोक नहीं पाया। एकाएक अनेकों प्रहार बकरी करती रही।

'ठाकुर का कुआं', 'सवा सेर गेहूँ', 'मोटेराम का सत्याग्रह', जैसी प्रेमचंद की अनेक कहानियों में अंतर्भूत मानवीय संवेदना तथा जाति व्यवस्था के प्रति उनका दृष्टिकोण इस कहानी को कालजयी और आधुनिक बनाता है.

और यह तभी संभव है जब उनके पास नैतिक मूल्य हों

गर्मी के दिन थे। बादशाह ने उसी फाल्गुन में सलीमा से नई शादी की थी। सल्तनत के सब झंझटों से दूर रहकर नई दुलहिन के साथ प्रेम और आनन्द की कलोलें करने, वह सलीमा को लेकर कश्मीर के दौलतख़ाने में चले आए थे। रात दूध में नहा रही थी। दूर के पहाड़ों की चोटियाँ चतुरसेन शास्त्री

नैतिक शिक्षा – मेहनत करने से कोई कार्य असम्भव नहीं होता।

साहित्यिक-राजनीतिक वजहों से उपेक्षित कर दी गई धर्मवीर भारती की यह कहानी अपनी कथावस्तु, विन्यास और विलक्षण विवरणात्मकता में प्रगतिशील परंपरा की अत्यंत महत्वपूर्ण यथार्थवादी कहानी है.

मोती कभी भी गाय को रोटी खिलाना नहीं भूलता। कभी-कभी स्कूल के लिए देर होती तब भी वह बिना रोटी खिलाए नहीं जाता ।

भारत-पाकिस्तान के बंटवारे विभाजन पर अनेक कहानियां, उपन्यास, समाजशास्त्रीय-राजनीतिक विश्लेषण आदि लिखे गए, लेकिन सआदत हसन मंटो की कहानी – 'टोबा टेक सिंह' इस विभाजन के पीछे सक्रिय राजनीति और सांप्रदायिकता के उन्माद की अविस्मरणीय, सार्वभौमिक, कालजयी क्लासिक बन गई.

अकस्मात वहां एक भील जाति का शिकारी आ गया और उसने शेर पर हमला करके उसे मार भगाया।

बच्चा भी जोर जोर से चिल्ला रहा था। वह अपनी मां को पुकार रहा था। मां की करुणा आंसुओं में बह रही थी, किंतु बेबस थी।

और आश्वासन देते हैं कि आपको राज दरबार में यह पत्ता दिखाने पर दो गांव मिल जाएगा। वह व्यक्ति अपने घर गया और उसने उस पत्ते को एक जगह टांग दिया। उस व्यक्ति के यहां तीन बकरियां थी जिन्होंने उस पत्ते को चर लिया अर्थात खा गए। जब उस व्यक्ति को मालूम हुआ कि वह पत्ता बकरी खा गई, उसकी समझ में कुछ नहीं आया।

एक दिन की बात है रितेश को स्कूल के लिए देरी हो रही थी। वह घास नहीं ला सका, और स्कूल चला गया। जब स्कूल से आया तो खरगोश अपने घर में नहीं था। रितेश ने खूब ढूंढा परंतु कहीं नहीं मिला। सब लोगों से पूछा मगर खरगोश कहीं भी नहीं मिला।

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

वजन काफी गिर गया। इसके बाद राजा ने जेल से ज्योतिषी को बुलाया और कहा, “आप क्यों नहीं मुझे तुम्हारा सिर कलम

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